पोलियो अभियान की खिलाफत करने वाले सात स्‍कूलों पर जड़ा तला

पोलियो अभियान की खिलाफत करने वाले सात स्‍कूलों पर जड़ा तला

सेहतराग टीम

स्‍कूलों से ये उम्‍मीद की जाती है कि वो समाज की बुराइयों के खिलाफ अपने छात्रों को जागरूक करेंगे मगर पाकिस्‍तान के सात स्‍कूलों को इसलिए बंद कर दिया गया है क्‍योंकि ये स्‍कूल पल्‍स पोलियो अभियान के खिलाफ सामूहिक उन्‍माद फैला रहे थे।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के सात निजी स्कूलों को पोलियो अभियान के खिलाफ सामूहिक उन्माद फैलाने और मरीजों को टीकाकरण टीमों के साथ सहयोग नहीं करने पर बंद कर दिया गया है। 

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया उन देशों में हैं जो अब भी पोलियो मुक्त नहीं हुए हैं।

शरीर के किसी हिस्से को अशक्त कर देने वाली इस बीमारी के उन्मूलन के प्रयासों को आतंकवादियों ने टीकाकरण टीमों को घातक रूप से निशाना बनाकर बाधित किया है।

आतंकवादी इन अभियानों का यह कह कर हाल के सालों में विरोध करते रहे हैं कि पोलियो रोधी टीके की बूंदें प्रजनन क्षमता प्रभावित करती हैं। 

पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम पर प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रमुख दूत बाबर बिन अता ने बुधवार को ट्वीट किया कि खैबर पख्तूनख्वा की सरकार ने इन स्कूलों के प्रबंधन को पोलियो टीकाकरण के खिलाफ नफरत फैलाने का दोषी पाया है। 

उन्होंने कहा कि ये स्कूल ‘मासूम परिजन को हिंसा के लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार हैं जिससे पोलियो टीमों पर हमले होते थे एवं सामूहिक उन्माद फैलता था।’ 

प्रदर्शनकारियों ने पेशावर में एक स्वास्थ्य केंद्र को 22 अप्रैल को उन खबरों के बाद आग लगा दी थी कि कई बच्चे पोलिया रोधी टीका लगाने के बाद कथित तौर पर बीमार पड़ गए थे। इस हिंसा के चलते पोलियो रोकथाम अभियान को निलंबित करना पड़ा था जिसमें 2,60,000 पोलियो कार्यकर्ता शामिल थे।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक अधिकारियों का मानना है कि खैबर-पख्तूनख्वा में स्थिति भयावह होती जा रही है जब मालूम हुआ कि इस साल पोलियो के कुल 15 मामलों में से 10 इस प्रांत के थे।

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